22 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय इतिहास में एक और दर्दनाक स्मृति के रूप में दर्ज हो गया। कश्मीर की सुरम्य घाटी में स्थित पहलगाम, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, उस दिन आतंक के साए में कांप उठा। निर्दोष नागरिकों पर किए गए इस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले ने न केवल कई मासूम जिंदगियों को छीन लिया, बल्कि पूरे देश को शोक की लहर में डुबो दिया। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें से कुछ पर्यटक थे, कुछ स्थानीय व्यापारी और कुछ ऐसे थे जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी जीने के लिए अपने काम में लगे हुए थे। यह हमला सिर्फ उन व्यक्तियों पर नहीं था, बल्कि मानवता, शांति और एकता पर भी एक गहरा आघात था। शहीद हुए नागरिकों की कुर्बानी को शब्दों में समेटना कठिन है। उन्होंने न जाने-अनजाने में उस देशभक्ति की मिसाल पेश की है, जो हर भारतीय के दिल में बसी होती है। आतंकियों का मकसद भय फैलाना था, लेकिन हमारे शहीदों की शहादत ने एक बार फिर ये सिद्ध कर दिया कि भारत एकजुट है, अडिग है और किसी भी आतंकी मानसिकता से डरने वाला नहीं।…